नाम लिए बिना महंत विवेकानंद गिरी ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ लगाए गंभीर आरोप 

हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रजनीश शर्मा। गसोता महादेव मंदिर में विवादों में रहे महंत विवेकानंद गिरी ने मंगलवार को हमीर होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फिर से गसीता प्रकरण की यादें ताजा कर दी है। महंत ने भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा का नाम लिए बिना कई गंभीर आरोप लगा दिए हैं। महंत विवेकानंद गिरी के मुताबिक यह दुर्भाग्य की बात है कि  आज हमीरपुर में हम उपचुनाव के दिनों में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि हमीरपुर का चुनाव किसी आजाद प्रत्याशी के कारण हो रहा है। ऐसे लोगों के कारण जनता के कंधों पर बोझ आया है। महंत के मुताबिक यह व्यक्ति सांस्कृतिक आचरणों से पृथक दिखता है। इनकी व्यवहारिक गतिविधियां दुर्भाग्यपूर्ण है।

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महंत ने कहा कि हाईकोर्ट से इस मामले में फटकार लगी हुई है। उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर भी सवाल उठाए कि ऐसे व्यक्ति को पार्टी में क्यों शामिल कर लिया गया। ऐसी स्थिति में ऐसे व्यक्ति को पार्टी में शामिल करना स्वस्थ भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। महंत विवेकानंद गिरी ने कहा कि इस व्यक्ति का चरित्र बहुरूपिए का रहा। धर्म का चीला पहन खनन किया। व्यक्ति के  प्रति जनता में रोष है। महंत विवेकानंद गिरी को क्यों जरूरत पड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की जब महंत से पूछा गया कि भाजपा प्रत्याशी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की क्या जरूरत पड़ गई तो उन्होंने कहा कि हमीरपुर मेरी कर्मभूमि रही है। हम लोकतांत्रिक प्रहरी हैं। खनन से खड्डे छलनी करने वालों को सबक सिखाना जरूरी है।

क्या है गसोता प्रकरण आपको बतादें कि जिला मुख्यालय के पास स्थित गसोता महादेव मंदिर के महंत विवेक गिरी के खिलाफ एक दशक पूर्व  क्षेत्र के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया तथा गांववासियों ने उनकी गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में कहा गया था कि गसोता महादेव मंदिर के महंत विवेकानंद गिरी कुछ माह से गैर कानूनी तौर पर किसी बाहरी महिला के साथ मंदिर परिसर में अव्यवहारिक एवं अप्रासंगिक गतिविधियों में संलिप्त पाए जा रहे हैं जिससे मंदिर की मर्यादा को धक्का लगा है, जबकि यह प्राचीन मंदिर है, इसमें जिला व प्रदेश के लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हैं। इसके विपरीत उक्त महंत कुछ प्रतिष्ठित लोगों पर आरोप लगा रहे हैं, जोकि अपने कृत्यों पर पर्दा डालने का प्रयास है। लोगों ने मांग की कि मंदिर के रिकार्ड व पूंजी की भी जांच की जाए।

पुलिस ने किया था मंदिर का निरीक्षण

इस प्रकरण के सामने आने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक और डीएसपी ने मंदिर का निरीक्षण किया था तथा मंदिर से संबंधित रिकार्ड तलब किया था। बाद में गसोता में महापंचायत कर दूनी चंद  की अध्यक्षता में कमेटी को पावर दी गई। इसके बाद गसोता मंदिर से महंत विवेकानंद गिरी का हस्तक्षेप समाप्त हो गया था। मंगलवार को एक फिर महंत विवेकानंद गिरी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ आरोप लगाने से गसोता  प्रकरण फिर ताजा हो गया है। 

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