लंबाई बढ़ाने में बेहद कारगर हैं ताड़ासन: संजय

हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रजनीश शर्मा: योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है शरीर और मन को शांत करने के लिए यह शारीरिक और मानसिक अनुशासन का एक संतुलन बनाता है। यह तनाव और चिंता का प्रबंधन करने में भी सहायता करता है और आपको आराम से रहने में मदद करता है। योग आसन शक्ति, शरीर में लचीलेपन और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए जाना जाता है। योग से भला क्या संभव नहीं है और आजकल लगभग हर कोई योग को आजकल अपनी जिंदगी में शामिल कर चुका है और इसी कड़ी में राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में योग शिविर के माध्यम से सभी बच्चों व स्टाफ सदस्यों को योगासनों एवं अन्य क्रियाओं का सुबह प्रार्थना सभा में अभ्यास करवाया जा रहा है।

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यह जानकारी देते हुए प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने बताया कि योग आज लाखों लोगों के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह अपने आप को फिट रखने के लिए, ध्यान के लिए और अच्छे जीवन के लिए अभ्यास किया जाता है योग सदियों से भारतीयों के जीवन का हिस्सा रहा है। आज योग पश्चिम देशों में भी व्यायाम (शारीरिक और मानसिक दोनों) के सबसे प्रचलित रूपों में से एक है।

इस अवसर पर शारीरिक प्रवक्ता संजय कुमार ने बच्चों को अपनी लम्‍बाई बढ़ाने के लिए भी योग का रास्‍ता अपनाने का आह्वान किया जिसके अंतर्गत उन्होंने आज मुख्यते ताड़ासन का विस्तृत विवरण दिया। यूं तो हर इंसान अपनी ग्रोथ और जींस के हिसाब से लंबाई पाता है। बच्चे से लेकर बड़े तक सब अच्छी लंबाई के लिए प्रयास करते रहते हैं अगर आप लंबे होते हैं तो आपके व्यक्तिव में अच्छा निखार आता है।

ऐसे में अगर आप भी नैचुरल तरीके से अपनी लंबाई बढ़ाने चाहते हैं तो ताड़ासन का नियमित अभ्यास करें और इसके लिए अपनी दोनों एडी और पंजे थोड़े से गैप देकर खड़े हों, दोनों हाथ कमर की सीध से ऊपर की ओर रखें और हथेलियों के मिलाएं दोनों हाथों की अंगुलियां भी आपस में मिली होनी चाहिए। इस दौरान कमर सीधी रखें और नजरें सामने साथ ही गर्दन सीधी रखेंI दोनों एडियां उपर की और उठती हैं और शरीर का पूरा भार पंजो पर डाल दें। अपने हाथ-पैरों को उठाते हुए पेट को अंदर करें, इससे आपका संतुलन खराब नहीं होगा। ताड़ासन या माउंटेन पोज योग के बेसिक आसनों में से एक है। ताड़ासन योग का नाम दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है।

‘ताड़’ जिसका मतलब है ‘पर्वत’ और ‘आसन ‘का अर्थ है ‘मुद्रा’, यानि की इस आसन का अर्थ है पर्वत की मुद्रा में होना। हालांकि इस आसन का अभ्यास करना आसान और सरल है, परंतु इसके बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ हैं। नियमित रूप से और सही विधि से ताड़ासन के अभ्यास से लम्बाई के साथ साथ पीठ की दर्द से राहत, रीढ़ के पोस्चर में सुधार, आपको अपनी चेतना से जुड़ने में मदद ,और मानसिक जागरूकता बढ़ाता है। इसके अभ्यास से अधिक सतर्क, शांत और रचनाशील होने के साथ ही यह एकाग्रता में सुधार करने के लिए प्रभावी है।

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