धूप में काम करने वाले कर्मियों को अधिक सावधान रहने की जरूरत: डा. जगदीप

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। हीट वेव स्ट्रोक जिसे आम भाषा में लू लगना भी कहा जाता है, जो इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी के कारण काफी घातक साबित हो सकती है, से बचाव के संबंध में सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा ने अपील करते हुए एक एडवाइजरी जारी की है । डॉ. डमाणा ने कहा कि इस दौरान आम जनता के साथ-साथ उन लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है जो जोखिम की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने बताया कि लू लगने के लक्षणों में शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना, बेहोशी, चक्कर आना, सूखी और लाल त्वचा, अत्यधिक कमजोरी, गंभीर सिरदर्द, उल्टी आदि शामिल हैं।

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डॉ. डमाना ने कहा कि इस स्थिति में प्राथमिक उपचार के उपाय जैसे कपड़ों को ढीला करना ,मरीज को ठंडी जगह पर ले जाना, शरीर पर बर्फ/आइस पैक रखना जरूरी है और साथ ही मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती करना भी जरूरी है ताकि उचित इलाज से मरीज की जान बचाई जा सके। यदि संभव हो तो रोगी को वातानुकूलित वाहन से अस्पताल ले जाना चाहिए। अगर मरीज को अस्पताल पहुंचाने में देरी हुई तो स्थिति खतरनाक भी हो सकती है। सिविल सर्जन ने कहा कि शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए।गर्मी के मौसम में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, पानी की बोतल हमेशा अपने साथ रखें। नींबू पानी, लस्सी, ओआरएस और मीठा व नमक सहित अन्य तरल पदार्थ शरीर में पानी की उचित मात्रा बनाए रखते हैं।

इस बारे में बात करते हुए जिला एपीडिमोलोजिस्ट डॉ. जगदीप सिंह ने कहा कि इन दिनों कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले श्रमिक वर्ग को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।यदि संभव हो तो सीधे धूप में काम करने से बचें, छाया में काम करें, अपना सिर ढकें और सूती कपड़े पहनें। कार्य स्थल पर अचानक तेज सिरदर्द, धुंधली दृष्टि या चक्कर आने पर रोगी को तुरंत छाया में रखें, यदि होश हो तो पानी पिलाएं। शरीर को ठंडा करने का प्रयास करें। यदि कोई सुरक्षात्मक कपड़ा या हेलमेट आदि पहना हुआ है, तो उसे तुरंत उतार दें। उल्टी होने पर रोगी को साइड देकर लिटायें ।बेहोशी की स्थिति में बिना देरी किए रोगी को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं।

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